नदिया की धार-सी टेढ़ी-मेढ़ी बहती है ज़िन्दगी
जीवन का आनन्द है कुछ लाड़ में, कुछ तकरार में
अपनों से कभी न कोई गिला, न जीत में न हार में
नदिया की धार-सी टेढ़ी-मेढ़ी बहती है ज़िन्दगी
रूठेंगे अगर कभी तो मना ही लेंगे हम प्यार से
जीवन का आनन्द है कुछ लाड़ में, कुछ तकरार में
अपनों से कभी न कोई गिला, न जीत में न हार में
नदिया की धार-सी टेढ़ी-मेढ़ी बहती है ज़िन्दगी
रूठेंगे अगर कभी तो मना ही लेंगे हम प्यार से