जिन्दगी कोई तकरार नहीं है
जिन्दगी गणित का कोई दो दूनी चार नहीं है
गुणा-भाग अगर कभी छूट गया तो हार नहीं है
कभी धूप है तो कभी छांव और कभी है आंधी
सुख-दुख में बीतेगी, जिन्दगी कोई तकरार नहीं है
जिन्दगी गणित का कोई दो दूनी चार नहीं है
गुणा-भाग अगर कभी छूट गया तो हार नहीं है
कभी धूप है तो कभी छांव और कभी है आंधी
सुख-दुख में बीतेगी, जिन्दगी कोई तकरार नहीं है