जामुन लटके पेड़ पर
जामुन लटके पेड़ पर
ऊंचे-ऊंचे रहते।
और हम देखो
आस लगाये
नीचे बैठै रहते।
आंधी आये, हवा चले
तो हम भी कुछ खायें।
एक डाली मिल गई नीची
हमने झूले झूले।
जामुन बरसे
हमने भर-भर लूटे।
माली आता देखकर
हम सब सरपट भागे।
चोरी-चोरी घर से
कोई लाया नमक
तो कोई लाया मिर्ची।
जिसको जितने मिल गये
छीन-छीनकर खाये।
साफ़ किया मुंह अच्छे-से
और भोले-भाले बनकर
घर आये।
मां ने “रंगे हाथ”
पकड़ी हमारी चोरी।
मां के हाथ आया डंडा
हम आगे-आगे
मां पीछे-पीछे भागे।
थक-हार कर बैठ गई मां।